Monday, March 9, 2015

Internation Women Day

आज अंतर राष्ट्रिय महिला दिवस है . विश्व में महिलाओ के अधिकारों पर संघर्ष करने वाली जुझारू महिलाए और उनके समर्थको द्वारा महिला दिवस मनाया जा रहा है. क्या हम जानते है ये दिन क्या मनाया जाता है और किसने की इसकी शुरुआत ? जी हां इसकी शुरुआत की मजदुर महिलाओ ने कम वेतन और काम के ज्यादा घंटो को ले कर .. कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव को बरते जाने के विरोध में . आप हैरान होने ये देख कर आज भी महिलाओ मजदूरो की स्थिति कोई अच्छी नहीं . हमारे देश में 1929 में प्रसूति विधेयक को ले कर बाबा साहेब ने जोरदार बहस की थी आज केन्द्रीय सरकार महिलाओ को प्रसूति अवकाश , के साथ अबोर्शन लीव , २ वर्ष की चाइल्ड केयर लीव पूरी तनख्वाह के साथ देती है वंहा असंघटित महिलो के के लिए कोई सुरक्षा नहीं क्या उनके बच्चे देश की विरासत नहीं ?
आज के दिन के इतिहास की और मुड कर देखे तो पता चलेगा 1857 में न्ययार्क की सडको पर महिला हजारो महिला मजदूरो ने कम वेतन और ज्यादा घंटे व काम के खिलाफ प्रदर्शन किया. ८ मार्च क 1908 को न्यूयार्क में महिलाओ के वोट के अधकार के लिए य दिन मनाया गया . 1908 में ही गारमेंट महिला मजदूरो ने बाल श्रम और महिलाओ की खराब स्थिति के खिलाफ संघर्ष किया , पुलिस की गोली चलने पर परचम लाल हो गया .न्यूयार्क में एक फक्ट्री में आग लगने से 1911 में 145 महिला मजदुर मर गयी ८० हजार मजदूरो ने शवयात्रा में जा कर मालिको का विरोध किया. सन 1912 में १४ हजार कपडा मजदुर हड़ताल पर गयी जिन्होंने अपनी जिन्दगी को महत्वपूर्ण मानते हुए आर्थिक सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण जिन्दगी की मांग की . 1913 -14 रुसी महिलो ने विश्व शांति बहल करने हेतु युद्ध का विरोध किया ..
इस दिन की स्थापना मजदुर नेत्री क्लारा झेटकिन के प्रस्ताव पर 1910 में समाजवादी महिलाओ के अंतर्राष्ट्रीय समेलन में 17 देशो की प्रतिभागी 100 डेलिगेट के समर्थन से हुआ. जो हर तरह के दमन जारशाही, पूंजीवादी दमन के खिलाफ थी ..
हमारे देश में भी ये दिन मनाया जाता रहा है .. परन्तु गरीब दलित आदिवासी महिलाओ के मुद्दे लगातार हशिय पर है.. मजदोर दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक व ह्गुम्न्तो जातियों की बहनों को अपने अधिकारों के लिए फिर से बाहर निकलना होगा ..... रजनी तिलक

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