रजनी तिलक, लेखिका कवियित्री व स्त्रीमुक्ति आन्दोलन की अग्रणीय नेता है. इनका जन्म पुराणी दिल्ली में जमामस्जिद के पास कटरा रजाराम में, जाटव समाज के माँ. दुलारे लाल व् जावित्री देवी के घर में हुआ . 27 मई 1958 को हुआ . इनके पिता दुलारे लाल टेलरिंग में पैटर्न मास्टर थे और माँ जावित्री देवी,घर में रह कर अपने सात बच्चो का लालन पालन करने के लिये घर में लिफाफे बना कर घर खर्च में मदद करती थी.
माँ के अचानक मनोरोगी हो जाने
के कारण घर में बड़े बच्चो पर उनकी देखभाल व अन्य बच्चो की देखभाल की
जिम्मेदारी आ गयी बड़े भाई मनोहर के साथ रजनी तिलक ने अपने बहन भाइयो की
देख रेख की . जिसके कारन एन दोनों की पढाई पर दुस्प्रभाव पड़ा .बड़ा भाई
वामपंथी आन्दोलन में सक्रिय हुआ तो साथ साथ रजनी और अशोक भारती का भी रुझान
उस तरफ झुक गया उस समय .दो भाई और दो बहने बहुत छोटी थी. कॉलेज में जाने व
पदाई न करने पर पिताजी का दब्ब था. लेकिन रजनी की जिद्द व भाई की मदद से
आगे की पड़ी जरी की . आई टी आई सिलाई कटायी में कर्जन रोआ के प्रशिक्षण
लिया, साथसाथ B .A की शिक्षा नॉन कालेजिएट सी ली, अंग्रेजी और हिंदी में
शार्ट हैण्ड व टाईप सीखी
छात्र जीवन में ही दलित आन्दोलन ,
स्त्री मुक्ति आन्दोलन के साथ शामिल हो गयी . सहेली के साथ मिल कर महिलाओ
के विरुद्ध भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया . आंगनवाडी कार्यकर्त्ता व
हेल्पेर्ट्स की यूनियन बने दिल्ली ४ हजार औरतो का संगठन बनाया .दलित पैंथर
दिली यूनिट बना दलित अत्य्चारो का विरोध करने की मुहिमों में स्शामिल रही
50 से ज्यादा अत्य्चारो की फैक्ट फायिन्डिंग टीम की सदस्य रही. बामसेफ
में १९७८ से १९८४ तक सक्रिय कार्यकर्त्ता रही .
संस्थपक
सदस्य अखिल भारतीय आंगनवाडी वर्कर और हेल्पर यूनियन , आह्वान थियेटर,
नेशनल फेडरेशन दलित वीमेन, नेक्दोर, वर्ल्ड डिग्निटी फोरम दलित लेखक संघ
और राष्ट्रिय दलित महिला आन्दोलन
राष्ट्रिय महिला आयोग द्वारा
दो बार अनुसूचित जाति की एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया
.एवं आउटस्टैंडिंग वीमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया
इन्ह
दलित महिलाओ के के मुद्दे पर अनेक बार रास्ट्रीय टीवी चेन्नल पर आमंत्रित
किया गया.पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया अभिमूक्नायक
समाचार पत्र का सम्पादन किया. अनेक पुस्तके सम्पादित पुनर लेखन की . दो
काव्य संग्रह,पदचाप और हवा सी बैचैन युवतिया ,- आत्मकथा शांता काम्बले,
शांता दानी , बुध ने घर क्यों छोड़ा , डॉ आंबेडकर और महिलाए , दलित मुक्ति
नायिकाए समकालीन दलित महिला लेखन वोल्यूम एक और वोल्यूम दो
दलित
आदिवासी महिला संगठनों के लिए पैरवी करके कुछ फेलोशिप जुगाड़ना .
सावित्रीबाई फुले को उत्तेर भारत में परिचित करने के लिए विशेष अभियान चलाए
. उनके जन्मदिन को बरतिय महिला दिवस घोषित करने का अभियान शुरू किया.